Monday, January 18, 2010

ज्योति बाबु को श्रद्धांजलि के नाम पर अपमान: देश में श्रद्धांजलि एक अवसरवादिता तो नहीं है ?




लगातार 23 साल तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे ज्योति बसु का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। ज्योति बसु का निधन राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति है । ज्योति बसु के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई नेताओं और पत्रकारों ने शोक व्यक्त किया है। दुखद पहलू यह है कि इस मौके पर सभी नेता परंपरा के अनुसार अवसरवादिता दिखाने से नहीं चुके। उन्हें श्रधांजलि के नाम पर उनके जीवन भर की कमाई को भी स्वाह कर दिया। आमतौर पर समाज में यह होता है कि आप दुखी हों या नहीं, अपूरणीय क्षति हो या नहीं आप को ऐसा कहना ही है। पूर्व पी एम नरसिम्हा राव के देहांत के बाद भी सबने उन्हे महान नेता बताया था। यहाँ ज्योति बाबु के देहांत के बाद की प्रकिक्रिया सवाल के साथ दी जा रही है ;-

''मैं महत्वपूर्ण पदों पर अक्सर ज्योति बसु से सलाह लिया करता था, जो हमेषा व्यवहारिक हुआ करती थी। ''
मनमोहन सिंह
सवाल : इनका सबसे बड़ा योगदान नई आर्थिक नीति प्रारंभ करने में है। क्या ज्योति बसु ने नई आर्थिक नीति लागू करने की सलाह दी थी ?

''बसु देष के कददावर राजनीतिक शख्सियत थे। वह वाम मोर्चा सरकार और वाम आंदोलन का पहला और आखिरी अध्याय थे। ''
ममता बनर्जी
सवाल : क्या उस नेता को महान नेता कहा जा सकता है जिसकेसाथ ही आंदोलन का अध्याय बंद हो जाए? जो एक भी ऐसा नेता विकसित न कर पाया हो जो उसके आंदोलन केा आगे बढ़ा सके?
''वैचारिक रुप से वे ज्यादा कम्युनिस्ट नहीं थे।''
स्वपनदास गुप्ता
सवाल : ये वरिष्ठ पत्रकार है इनका यह कहना ज्योति बाबू का अपमान है या सम्मान!

ज्योति बसु : एक जननेता का सफरनामा

-आठ जुलाई 1914 को कोलकाता में जन्म.

- 1930 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया के सदस्य बने.

- 1952-57 तक पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव रहे.

- पहली बार 1946 में बंगाल विधानसभा के लिए चुने गए.

- आज़ादी के बाद 1952, 1957, 1962, 1967, 1969, 1971, 1977, 1982, 1987, 1991 और 1996 में विधानसभा के सदस्य रहे.

- 1957 से 1967 तक विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे.

- 21 जून 1977 को पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने.

- स्वास्थ्य कारणों से छह नवंबर 2000 को मुख्यमंत्री पद छोड़ा.

-१७ जनवरी 2010 को देहांत।

2 comments:

Randhir Singh Suman said...

bhaiya ji ,
ye poonjivaadi netagirgit hain girgit har samay rang badalte hain .
commrade jyoti babu ko lal salaam

दिनेशराय द्विवेदी said...

किसी के कहने और न कहने पर कौन लगाम लगाएगा। ज्योति बाबू महान व्यक्तित्व थे। लेकिन यह उन का मूल्यांकन कर ने का समय नहीं है।