Wednesday, October 1, 2008

एक अरब लोग भूख से मरेंगे !

वैश्विक आर्थिक मंदी ने अपना असर तेजी से दिखाना प्रारम्भ कर दिया है। अमेरिका की बढ़ी - बढ़ी कम्पनियाँ धाराशायी हो रही हैं। विश्व के शेयर बाजार लगातार गिर रहे हैं। इस कारण से बाजार में निवेश करने वाले कई छोटे निवेशक आत्महत्या कर रहे हैं। यह संकट आने वाले समय में भयावह रूप लेने वाला है। इसी को व्यक्त करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ की सहस्राब्दी विकास लक्ष्य रिपोर्ट २००८ आयी है। रिपोर्ट में कहा गया है की विश्व में जारी संकट, खाद्य वस्तु और इंधन की आसमान छूती कीमतें आने वाले समय में १० करोड़ लोगों को गरीबी में धकेलेगी, १ अरब लोग भूख से मरेंगे और २ अरब लोग कुपोषण के शिकार होंगे। इसका सबसे बुरा असर अफ्रीका के उप सहारा क्षेत्रों और दक्षिणी एशिया में पढने वाला है।जहा की स्थिती पहले से ही दयनीय है। रिपोर्ट में विकाशशील देशों की स्थिती के कुछ बिन्दु ........
  1. एक चौथाई बच्चे औसत से कम भार के हैं
  2. पॉँच लाख माएं बच्चे को जन्म देने के दौरान मर जाती हैं।
  3. दक्षिण एशिया की आधी आबादी २.५ अरब लोग स्वच्छता सुविधाओं के आभाव में रह रहे हैं।
  4. एक तिहाई से अधिक आबादी झोपढ़पत्तियों में रहती हैं।

यह हैं एशिया की स्थिति जहाँ विश्व की तेजी से बढ़ती दो आर्थिक शक्तियां भारत और चीन हैं। इस आर्थिक विकास में गरीबी मिटाने के लिए कोई स्थान नही हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट में चिंता बढ़ाने वाली बात यह हैं की आर्थिक संकट से उसका गरीबी उन्मूलन का कार्यक्रम प्रभावित हो रहा हैं। जब इतनी बढ़ी संस्था गरीबी उन्मूलन का कार्यक्रम चलाने में सक्षम नही हैं तो निश्चित रूप से आने वाला समय रिपोर्ट के आकलन से भी भयावह हो सकता है।

3 comments:

Unknown said...

और यह सब होगा अमेरिका की वजह से, जहाँ के नागरिकों ने कर्ज लेकर घी पिया और बाकी दुनिया के लोगों को भूखा मरने के लिये छोड़ दिया…

Richa Joshi said...

इसे कहते हैं चूहा दौड़। रेत का किला तो एक दिन ढहेगा ही।

Dharmayan said...

KARMPRADHAN VISHWA RACHI RAKHA ;
JO JAS KARAHIN SO TAS FAL CHAKHA !