मोहेंदर सिंह ने कमलनाथ के ख़िलाफ़ न्यूयॉर्क की केंद्रीय अदालत में मुक़दमा दायर किया है। मोहिंदर सिंह नेबीबीसी को बताया कि दिल्ली में उनके परिवार के 4 लोगों को बेरहमी से मार दिया गया था.
मोहेंदर सिंह कहते हैं, “मेरे पिताजी और दो चाचा को टुकड़े टुकड़े करके जला कर मार डाला गया. हमारे दादाजी नेइतने सालों से अदालतों के चक्कर लगाए लेकिन हमें इंसाफ़ नहीं मिला. हमने 25 साल तक इंतज़ार किया लेकिनकोई नतीजा नहीं निकला. ये लोग ऐसे सुनने वाले नहीं है इसलिए हमे इनको अमरीकी अदालत में घसीटना पड़ा. हम चाहते हैं हमें इंसाफ़ मिले.”
इस मुक़दमे में सिखों की ओर से वकील गुरपतवंत पन्नुन का कहना है कि कमलनाथ जैसे लोगों को क़ानून केकटघरे में लाकर सज़ा दिलवाने की हर कोशिश की जाएगी.वकील का कहना है, “हमने तय कर लिया है कि सिखोंके कत्लेआम के ज़िम्मेदार कमलनाथ जैसे लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा और हम इंसाफ़ लेकर ही दम लेंगे. ”
इन प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना है कि सन 1984 में हुए सिखों के कत्लेआम को 25 साल हो गए अब इसकेदोषियों को सज़ा दी जानी चाहिए.
दिल्ली के दंगों में मारे गए लोगों में जसबीर सिंह के खानदान के 26 लोग भी शामिल थे.
वह कहते हैं,“कमलनाथ ने खड़े होकर खुद उग्र भीड़ का नेतृत्व किया था जिसने गुरूद्वारे में सिखों की हत्या करीऔर गुरूद्वारा रकाबगंज को जलाया. ऐसे कातिलों को मंत्री बनाकर अमरीका भेजकर प्रधानमंत्री क्या संदेश देना चाहते हैं.”
जसबीर सिंह कहते हैं कि इतने सालों से विभिन्न आयोगों का गठन किया गया लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ.
अब उनको अमरीका में अदालत से कुछ आस है.
सिख फ़ॉर जसटिस नामक संस्था द्वारा आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में करीब सौ लोगों ने भाग लिया जिनमें बच्चे, महिलाएं और बूढ़े भी शामिल थे.
बहुत से प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना था कि कमलनाथ जैसे लोगों को जिनपर मासूम लोगों के कत्लेआम काइलज़ाम लगा हो अमरीका में प्रवेश की भी आज्ञा नहीं होनी चाहिए.
न्यूयॉर्क के गुरूद्वारा बाबा मख्खंशाह के अध्यक्ष मास्टर महिंदर सिंह का कहना था कि कमलनाथ जैसे लोगों को तोजेल में होना चाहिए न कि मंत्री पद पर.
वह कहते हैं, “भारत सरकार को चाहिए कि कमलनाथ जैसे मंत्री को निकाल बाहर करें और ढंग के लोग ले आएं. ऐसे लोगों के बग़ैर भी मुल्क चल सकता है. कमलनाथ को तो मंत्री पद से हटाकर उनपर मुक़दमा चलाया जानाचाहिए.”
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