जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने आरोप लगाया है कि हाल ही में महाराष्ट्र के मालेगांव और गुजरात के मोंडासा में हुए विस्फोटों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का हाथ था।राजधानी में बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अग्निवेश ने कहा कि मालेगांव और मोंडासा में हुए विस्फोटों में संघ से जुड़े संगठनों का ही हाथ है। एक निजी चैनल 'सुदर्शन' की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अग्निवेश ने कहा कि इस चैनल ने विस्फोट होते ही उसकी खबर चला दी थी। अग्निवेश ने कहा कि इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि सुदर्शन चैनल संघ से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि मालेगांव विस्फोट मामले में गिरफ्तार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर आरोप सिद्ध हो जाने पर उनके साथ आतंकवादियों की तरह बर्ताव किया जाना चाहिए।
स्रोत : NDTV
Thursday, November 6, 2008
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9 comments:
सच ही तो कहा है.
आप इस वक्तव्य पर इतना चौंक क्यों रहे हैं. थोड़ा धैर्य रखिये. सारी तस्वीर जल्द ही साफ़ हो जायेगी.
यह दर्शाता है कि कुछ हिन्दू मुस्लिम आतंकवादियों को देखकर उन्हीं के नक्शे कदम पर चलने लगे हैं. ऐसा न हो जाये कि हिन्दुओं को भी लगने लगे कि वतन पर शहीद होने से अच्छा है आतंकवादी बन जाना. अग्निवेश जी महर्षि दयानन्द जी की परम्परा के वाहक लगते तो हैं, लेकिन सत्यता वही जानते होंगे.
थोड़ा धैर्य रखिये. सारी तस्वीर जल्द ही साफ़ हो जायेगी.
इसे कहते हैं मेंढ़की को भी जुकाम हो जाना..
स्वामी जी के पास कोई नई बात हो तो बताएं। धमाकों में संघ और लीग का हाथ बताया जाना आम है।
स्वामी अग्निवेश भी अरुंधती रॉय की परम्परा के वाहक हैं, जो मुद्दा सबसे ज्यादा "हिट्स" प्रदान करे उस पर वे विवादास्पद बयान देते हैं और लाईमलाईट में आ जाते हैं, उन्होंने फ़रमाया है कि सुदर्शन टीवी पर 9.29 पर मालेगाँव विस्फ़ोट की ब्रेकिंग न्यूज कैसे आ गई? जबकि विस्फ़ोट का समय अखबारों में 9.30 बताया गया है। जबकि सुदर्शन टीवी वाले पुलिस रिकॉर्ड के हवाले से बता रहे हैं कि विस्फ़ोट 9.25 के आसपास (2-3 मिनट इधर-उधर) हुए, अब स्वामी जी को यह कौन बताये कि वहाँ सुदर्शन टीवी वाले स्टॉप वॉच लेकर नहीं बैठे थे, और मोबाईल के जमाने में "ब्रेकिंग न्यूज" दो मिनट के भीतर ही दिखाई जा सकती है… लेकिन तर्कों की बात सुनी नहीं जाती बस मिलजुलकर एक साथ हल्ला मचाना शुरु कर देते हैं ये "सेकुलर"…
मजाक करने का सबको हक है.
ये स्वामी अग्निवेश जैसे अकल के अंधे को हजारों हजार हिंदुओं की मौत पर तो रोना नहीं आया जब कश्मीर मैं वर्षों से नरसंहार चल रहा हैं....या अभी अभी जो असम मैं बांग्लादेशी मुसलमानों ने वहां जो कत्लेआम किया ....ये नालायक तो तभी सुधरेंगे जब इनके पांवो तले आग लगेगी....खैर सुदर्शन जैसा कोई चैनल हैं सुनकर अच्छा लगा...ये कैसे सब्सक्राइब किया जा सकता हैं ...इसकी भी जानकारी भी दें
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